हम में से जितने भी लोग कंप्यूटर या मोबाइल का प्रयोग करते है उन्होंने वायरस का नाम तो जरूर सुना होगा , इसके अलावा हमारे कंप्यूटर या मोबाइल में जब भी कोई दिक्कत आ जाती है तो हम कहते है की लगता है इसमें कोई वायरस आ गया है और हमें कोई एन्टी वायरस का उपयोग करना चाहिए | तो आज हम इस लेख Computer Virus in hindi में जानेंगे की कंप्यूटर वायरस क्या है और ये हमारे कंप्यूटर या मोबाइल को किस प्रकार से नुकसान पहुंचाते है | अक्सर ये देखा जाता है की मोबाइल या कंप्यूटर में वायरस आ जाने पर मोबाइल slow हो जाता है और हैंग करने लगता है लेकिन आज हम इस लेख में जानेंगे की इस समस्या से कैसे निजात पाया जा सकता है और हम कैसे इन वायरस से अपने डिवाइस को बचा सकते है |
कंप्यूटर वायरस क्या है ( What is Computer Virus in Hindi )
सबसे पहले तो यह जानते है की इनको वायरस क्यों कहा जाता है ? आप लोग biology के term में वायरस को तो जानते ही होंगे जिसका हिंदी अर्थ विषाणु होता है और जो मनुष्यो और जीव जन्तुओ में रोग फैलाता है और किसी के भी शरीर में पहुंचकर उसके शरीर को खराब कर देता है , ठीक इसी प्रकार कंप्यूटर में भी होता है | कंप्यूटर वायरस भी मोबाइल या कंप्यूटर में पहुंचकर उसको ख़राब कर देते है जिससे की वो सही से काम नहीं कर पाता और हैंग करने लगता है | कंप्यूटर वायरस कोई physical वायरस नहीं होता है बल्कि ये कंप्यूटर प्रोग्राम या सॉफ्टवेयर के रूप में होते है जो विशेष प्रकार के प्रोग्रामिंग लैंग्वेज से बनाये जाते है | कंप्यूटर वायरस किसी भी फाइल , सॉफ्टवेयर , गेम्स के रूप में आ सकते है और आपके डिवाइस में आने के बाद आपके डिवाइस को नुकसान पहुंचाते है |
कंप्यूटर वायरस आपके डिवाइस को hack करने के लिए बनाये जाते है जिससे की हैकर आपके कंप्यूटर में उपस्थित डाटा को जान सके और आपको हैक कर सके | कंप्यूटर वायरस एक प्रकार का प्रोग्राम होता है जो कंप्यूटर में किसी विशेष काम को करने के लिए Programming Language द्वारा बनाये जाते है |
उदाहरण के लिए , कोई कंप्यूटर वायरस ऐसा है जो आपके फ़ोन या कंप्यूटर की Memory Card या Hard Disk के डाटा को बिना आपके अनुमति को delete कर दे या उसे Corrupt कर दे या कोई कंप्यूटर वायरस ऐसा हो जो आपके कंप्यूटर में उपस्थित Software को बिना डिस्प्ले हुए कंप्यूटर के बैकग्राउंड में चला सके और आपको नुकसान पंहुचा सके |
कंप्यूटर वायरस का इतिहास
Computer Virus को किसी भी कंप्यूटर को हैक करने के लिए बनाया जाता है जिससे की हैकर आपके कंप्यूटर को हैक कर सके और आपके कंप्यूटर से महत्वपूर्ण जानकारी को चुरा सके | अगर हम कंप्यूटर वायरस की बात करे तो जब इंटरनेट की शुरुआत हुई और जब कंप्यूटर का विकास हो रहा था , तभी से ये वायरस बना लिए गए थे |आज हम इस लेख Computer virus in hindi में जानेंगे की सबसे पहला वायरस किसने बनाया | पहला कंप्यूटर वायरस सन 1970 में बनाया गया था जिसका नाम क्रीपर ( Creeper ) था जो ARPANET पर खोजा गया था |
ये वायरस इंटरनेट के माध्यम से फैला और System पर अटैक करने के बाद उस पर “ I’m the creeper, catch me if you can” नाम का मैसेज डिस्प्ले करता था | सन 1972 में Richard Screnta जो की हाई स्कूल के छात्र थे , ने एक वायरस बनाया जिसका नाम Elk Cloner था | उन्होंने ये वायरस मजाक – मजाक में बनाया था और इसे फ्लॉपी डिस्क पर डाल दिया जिससे ये वायरस फ़ैल गया और कई सारे कंप्यूटर को इन्फेक्ट किया |
कंप्यूटर वायरस के प्रकार ( Types of Computer Virus in Hindi )
कंप्यूटर वायरस एक प्रकार Malicious Software होते है जिन्हे short में Malware कहा जाता है | Malware आम software की तरह ही होते है लेकिन ये कंप्यूटर को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से बनाये जाते है | इस प्रकार कंप्यूटर वायरस को हम Malware भी कह सकते है | कंप्यूटर को नुकसान पहुंचाने के आधार पर Malware कई प्रकार के होते है –
Macro Viruses –
मैक्रो वायरस वे वायरस होते है जो किसी मैक्रो भाषा ( Macro Language ) में लिखे जाते है जैसे विज़ुअल बेसिक | यह वायरस Internet , USB आदि के माध्यम से कंप्यूटर में आ सकता है और कंप्यूटर की किसी विशेष Software की सहायता से कंप्यूटर में फैल जाता है | मैक्रो वायरस किसी विशेष सॉफ्टवेयर से जुड़े होते है और उस सॉफ्टवेयर को खोलने पर वायरस पूरे कंप्यूटर में फ़ैल जाता है |
Boot Sector Virus –
इस प्रकार के वायरस हार्ड डिस्क के बूट सेक्टर में रहते है , जब कंप्यूटर को स्टार्ट करते है तो ये वायरस ऑपरेटिंग सिस्टम को लोड होने में बाधित करते है और जब लोड हो जाता है तो कंप्यूटर के दूसरे सॉफ्टवेयर को प्रभावित करते है | इस प्रकार के वायरस को हटाना बड़ा मुश्किल होता है क्योकि ये मेमोरी के बूट सेक्टर में रहते है |
Encrypted Virus –
इस तरह के वायरस को किसी भी एंटीवायरस के लिए ढूढ़ना पाना मुश्किल होता है क्योकि ये कंप्यूटर में encrypted रूप में रहते है | इस तरह के वायरस कंप्यूटर में किसी आम फाइल की तरह दिखते है लेकिन ये वास्तव में encrypted वायरस होते है |
कुछ और प्रमुख वायरस के नाम
Polymorphic Virus –
पोलीमॉर्फिक का अर्थ होता है बहुरूपी अर्थात ये वायरस खुद को अलग अलग रूपों में बदलकर अलग अलग तरीको से प्रभावित करते है | पोलीमॉर्फिक वायरस खुद को बदलते रहते है और अलग अलग तरीको से कंप्यूटर को infect करते है |
Worms –
कंप्यूटर वायरस में सबसे चर्चित नाम है की worms क्या है और ये कंप्यूटर के लिए कितना खतरनाक है | Worms भी एक कंप्यूटर वायरस है जो एक बार किसी भी डिवाइस में पहुंच जाने के बाद खुद को multiply करता रहता है और एक ही वायरस के कई सारे वायरस बना लेता है | worms कंप्यूटर को slow कर देते है क्योकि ये लगातार कंप्यूटर में multiply करके ढेर सारे वायरस बनाने में लगे रहते है |
Trojan Horse –
अक्सर लोग confuse रहते है की Trojan Horse क्या है और ये किस तरह से कंप्यूटर को नुकसान पहुंचाता है | Trojan Horse कंप्यूटर जगत का सबसे खतरनाक वायरस है जो कंप्यूटर में अपनी पहचान छुपा कर आते है और भयंकर तबाही मचाते है | ट्रोजन वायरस किसी फाइल या सॉफ्टवेयर के रूप में आते है और आने के बाद कंप्यूटर को infect करते है | ये ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीको से आ सकते है | जैसे इंटरनेट से आपने कोई सॉफ्टवेयर डाउनलोड किया और अपने डिवाइस में इंस्टॉल कर लिया लेकिन इसके बाद ये सॉफ्टवेयर अपने असली रूप में आयेगा और कंप्यूटर को इन्फेक्ट करेगा | इसके अलावा , अगर आप किसी वेबसाइट को visit करते है और उसमे malware है तो भी आपके कंप्यूटर में ट्रोजन आ सकते है |
कंप्यूटर वायरस से खुद के डिवाइस को कैसे बचाये
यहाँ पर हम कुछ महत्वपूर्ण तरीको के बारे में बात करेंगे की कंप्यूटर वायरस से कैसे बचा जाये –
1 – अपने डिवाइस में एक अच्छा एंटीवायरस इंस्टाल करे और उसको समय समय पर अपडेट करते रहे |
2 – अपने मोबाइल या कंप्यूटर में हमेशा Trusted App ही इंस्टाल करे , अगर आप Android Phone चलाते है तो Google Play Store से ही App को इंस्टॉल करे |
3 – समय समय पर खुद के system को अपडेट करते रहे |
4 – ब्राउज़िंग करते वक्त हमेशा अच्छे ब्राउज़र का प्रयोग करे ताकि अगर किसी वेबसाइट में कोई Malware है तो आपका ब्राउज़र आपको सूचित कर दे |
5 – इंटरनेट पर हमेशा अच्छे वेबसाइट को ही visit करे क्योकि सबसे ज्यादा वायरस Attack इसी से होते है |
6 – Unknown Source से आये किसी भी ईमेल में किसी भी attachment को न open करे |
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